
Co-sleeping, जिसे “सहसप्ताह” भी कहा जाता है, एक परिवारिक प्रथा है जिसमें बच्चा और एक या दोनों पैरेंट्स एक ही बिस्तर पर सोते हैं। इस प्रकार के सोने के कई फायदे हो सकते हैं, जैसे कि:
संबंध बढ़ाना: Co-sleeping बच्चे और माता-पिता के बीच संबंध को मजबूत करता है। यह बच्चे को अपने माता-पिता के साथ सुरक्षित और प्राप्त महसूस करने में मदद करता है।
निद्रा की सुविधा: Co-sleeping करने से माता-पिता को बच्चे की देखभाल और नींद की सुविधा मिलती है, क्योंकि उन्हें रात में बच्चे को धोखा नहीं देना पड़ता है।
सुरक्षा: Co-sleeping करने से बच्चे की सुरक्षा बढ़ती है, क्योंकि माता-पिता उनके साथ होते हैं और किसी भी अनपेक्षित घटना को रोक सकते हैं।
बच्चे की स्वास्थ्य: Co-sleeping करने से बच्चे की सांस लेने में और निद्रा के दौरान उनकी हार्ट रेट और रक्तचाप में सुधार होता है।

स्तनपान की सुविधा: Co-sleeping करते हुए मां अपने बच्चे को आसानी से स्तनपान करा सकती है, जिससे स्तनपान की सुविधा बढ़ती है और उनका विकास भी अच्छा होता है।
अपनी भावनाओं का इजहार: Co-sleeping करते समय, माता-पिता अपने बच्चे के साथ समय बिताने का मौका प्राप्त करते हैं और उनकी भावनाओं का इजहार करते हैं।
शिशु के लिए स्वास्थ्यप्रद प्रतिक्रियाएँ: Co-sleeping करने से शिशु को आत्म-सम्मान, संबंधों में सुरक्षा और बढ़ावा मिलता है, जो उनके सामाजिक और आत्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है।
ध्यान दें कि Co-sleeping की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के नियमों का पालन करें, जैसे कि बच्चे को अलग बिस्तर पर सोने से पहले बिस्तर पर समय से पहले स्थानिय बनाना और चारों ओर कोई कुशल बादल न रखना। इसके अलावा, अगर कोई चिकित्सा समस्या है जो Co-sleeping के खिलाफ हो, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें।