किडनी फेलियर, जिसे गुर्दे की विफलता भी कहा जाता है, तब होता है जब आपके गुर्दे आपके शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थों को हटाने में असमर्थ हो जाते हैं। यह एक गंभीर स्थिति है और इसके कई कारण हो सकते हैं। यहाँ किडनी फेलियर के कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं:
1. डायबिटीज (मधुमेह)
- टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज: अनियंत्रित रक्त शर्करा का स्तर समय के साथ आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और किडनी फेलियर का कारण बन सकता है।
2. उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
- लगातार उच्च रक्तचाप किडनी की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे वे ठीक से काम नहीं कर पाते।
3. ग्लोमेरुलोनफ्राइटिस
- यह एक समूह की बीमारियों को संदर्भित करता है जो किडनी के फ़िल्टरिंग यूनिट्स (ग्लोमेरुली) को प्रभावित करती हैं, जिससे किडनी फेलियर हो सकता है।
4. पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज
- यह एक अनुवांशिक विकार है जिसमें किडनी में कई सिस्ट (फोड़े) बन जाते हैं, जो किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं।
5. क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD)
- यह किडनी की लंबी अवधि की क्षति है जो धीरे-धीरे किडनी फेलियर में बदल सकती है।
6. यूरिनरी ट्रैक्ट ऑब्स्ट्रक्शन
- यूरिनरी ट्रैक्ट में रुकावट (जैसे किडनी स्टोन, ट्यूमर या प्रोस्टेट की समस्याएं) किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
7. रक्त प्रवाह में कमी (इस्केमिया)
- हार्ट अटैक, हार्ट डिजीज, डिहाइड्रेशन, या गंभीर संक्रमण से किडनी को पर्याप्त रक्त नहीं मिलने पर किडनी फेलियर हो सकता है।
8. एड्स/एचआईवी
- एचआईवी और एड्स भी किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं, क्योंकि ये वायरस किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
9. किडनी इंफेक्शन (पाइलोनेफ्राइटिस)
- गंभीर किडनी संक्रमण किडनी फेलियर का कारण बन सकते हैं।
10. प्रोटीन या ऑटोइम्यून बीमारियां
- ल्यूपस, वेसकुलिटिस और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियां किडनी को प्रभावित कर सकती हैं।
11. दवाएं और विषाक्त पदार्थ
- कुछ दवाएं (जैसे NSAIDs, एंटीबायोटिक्स) और विषाक्त पदार्थ (जैसे भारी धातु, ड्रग्स) किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
12. हृदय संबंधी समस्याएं
- हृदय की विफलता, दिल का दौरा और अन्य हृदय रोग किडनी को प्रभावित कर सकते हैं।
बचाव के उपाय:
- नियमित जांच: उच्च रक्तचाप और मधुमेह की नियमित जांच कराएं।
- स्वस्थ आहार: नमक और चीनी की मात्रा को कम करें और हरी सब्जियाँ और फल खाएं।
- पर्याप्त पानी पिएं: रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचें।
- व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें और शारीरिक सक्रियता बनाए रखें।
- दवाओं का सही इस्तेमाल: डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन न करें।
अगर आपको उपरोक्त कारणों में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और नियमित रूप से अपनी किडनी की जांच कराएं। समय पर पहचान और उपचार से किडनी फेलियर से बचा जा सकता है।