
Chronic obstructive pulmonary disease (COPD) एक आम, रोकी जा सकने वाली और उपचार योग्य फेफड़े की बीमारी है, लेकिन यह देश में गैर-संचारी रोगों से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। वायु प्रदूषण के कारण सांस की समस्या के अलावा लोगों के समग्र स्वास्थ्य पर गहरा संकट आ गया है, जिससे सीओपीडी के मामले भी बढ़ने लगे हैं। हर साल इस मौसम में दिल्ली और एनसीआर खराब हवा और प्रदूषण की चपेट में आ जाता है, जिससे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक का जीना मुश्किल हो जाता है। एक सवाल जो लोगों को बार-बार परेशान करता है, वह यह है कि क्या सांस की बीमारी सीओपीडी का कारण बन सकती है या नहीं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं विशेषज्ञ।
कैसे दिखते हैं लक्षण
यह रोग विशेषकर धूम्रपान करने वाले को होता है। दरअसल यह व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह धीमी गति से बढ़ने वाली बीमारी है। इसके कुछ प्रमुख लक्षण हैं जो धीरे-धीरे प्रकट होते हैं, जैसे-
1- लंबे समय तक खांसी होना
2- खांसी के साथ में बलगम आना
3- खांसी के साथ खून आना
4- सांस लेने में तकलीफ
5- सोने के दौरान खर्राटे आना
6- थकान होना
7- हल्का बुखार होना
8- ठंड लगना इसके लक्षण हो सकते हैं।
Doctor का कहना है कि हालांकि इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है इससे बचने का एकमात्र तरीका है उसकी रोकथाम, प्रबंधन और कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत है, जैसेः
1- अगर आपको धूम्रपान की आदत है तो उसे छोड़ना पड़ेगा
2-अगर घरों में स्प्रे या पेंट तुरंत हुआ है तो उनसे दूर रहें
3-अधिक प्रदूषण वाले स्थान से दूर रहें
4- धूल वाले इलाकों में न जाएं
5- अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपनी सभी दवाएं लें।
6-डॉक्टर की सलाह के अनुसार फ्लू, निमोनिये के टीके लगवाएं।
7-अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करें
8- शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाएं जिससे आपकी मांसपेशियां मजबूत हों
9- अपनी दिनचर्या बेहतर करें व डॉक्टर के अनुसार की बताए गए नियमों को अपनाएं और नियमित दवाइयां लेते रहें।